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त्रिफला चूर्ण एक प्राचीन आयुर्वेदिक हर्बल मिश्रण है जो तीन फलों – आंवला, हरड़ और बहेड़ा – से तैयार किया जाता है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
Weight: 250.00 Gram (g)
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यह प्राचीन हर्बल फॉर्मूला पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, शरीर से विषैले तत्व निकालता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। नियमित सेवन से कब्ज, एसिडिटी और गैस की समस्या दूर होती है।
त्रिफला चूर्ण एक प्राचीन आयुर्वेदिक हर्बल मिश्रण है, जिसे आंवला, हरड़ और बहेड़ा से तैयार किया जाता है। यह आयुर्वेद में एक संपूर्ण टॉनिक के रूप में माना जाता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों को संतुलित करता है और स्वास्थ्य को संवारता है। इसका सबसे बड़ा लाभ पाचन में सुधार है, क्योंकि यह आँतों को साफ करता है और मल त्याग को आसान बनाता है। यह कब्ज, एसिडिटी और गैस की समस्या को दूर करता है, जिससे पेट हल्का और स्वस्थ रहता है। इसके अलावा, यह शरीर को डिटॉक्स करता है और खून को साफ करता है, जिससे त्वचा में निखार आता है और बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। त्रिफला चूर्ण शरीर के प्राकृतिक चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाता है, जिससे वजन घटाने में सहायता मिलती है और शरीर में अतिरिक्त चर्बी नहीं जमती। यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है और शरीर को रोगों से बचाने में सहायक होता है। लीवर को डिटॉक्स करने और हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में भी यह कारगर साबित होता है। त्रिफला चूर्ण आँखों की रोशनी को बढ़ाने, जोड़ों के दर्द को कम करने और दिमाग को तेज करने के लिए भी जाना जाता है। नियमित सेवन से शरीर ऊर्जावान रहता है और थकान महसूस नहीं होती। यह हॉर्मोनल संतुलन बनाए रखता है और शरीर की प्राकृतिक हीलिंग प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।
त्रिफला चूर्ण को सेवन करने के लिए कई तरीकों का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसे खाली पेट या सोने से पहले लेना सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है। रात में इसे गुनगुने पानी या दूध के साथ लेने से आँतों की सफाई होती है और सुबह पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है। सुबह इसे शहद या नींबू पानी के साथ लेने से वजन घटाने में मदद मिलती है और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता मिलती है। यदि त्रिफला चूर्ण को पाचन सुधारने के लिए लेना हो, तो इसे भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है। इसे गर्म पानी में मिलाकर कुछ मिनट के लिए रखा जाए, तो यह शरीर में तेजी से अवशोषित होता है और अधिक लाभदायक साबित होता है। त्रिफला चूर्ण को रोज़ाना लेने से धीरे-धीरे शरीर को लाभ मिलते हैं, इसलिए इसे लंबे समय तक लगातार सेवन करना चाहिए। इसे न केवल मौखिक रूप से लिया जा सकता है, बल्कि चेहरे और बालों पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। त्रिफला चूर्ण को गुलाब जल या एलोवेरा जेल के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाने से मुंहासे कम होते हैं और त्वचा में निखार आता है। बालों की मजबूती और डैंड्रफ दूर करने के लिए इसे नारियल तेल में मिलाकर स्कैल्प पर लगाया जा सकता है। त्रिफला का स्वाद हल्का कड़वा होता है, लेकिन इसके गुण इतने लाभदायक होते हैं कि इसका नियमित सेवन आपके स्वास्थ्य को चमत्कारी रूप से सुधार सकता है।
हमारे आयुर्वेदिक उत्पादों में ऐसे प्राकृतिक घटक शामिल हैं, जो शरीर के संतुलन को बनाए रखने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होते हैं। इनमें से प्रमुख घटक आंवला है, जिसे विटामिन C का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत माना जाता है। यह न केवल त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद होता है बल्कि पाचन को भी बेहतर बनाता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। आंवला का नियमित सेवन शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है और इम्यूनिटी को मजबूत करता है। हरड़ को आयुर्वेद में पाचन और आंतों की सफाई के लिए अत्यधिक उपयोगी माना गया है। यह पेट की समस्याओं को दूर करता है, कब्ज से राहत दिलाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इसका सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है और यह मानसिक शांति प्रदान करता है। बहेड़ा एक और महत्वपूर्ण घटक है, जो त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करने में सहायक होता है। यह बालों को मजबूत और घना बनाता है, सर्दी-खांसी में राहत देता है और श्वसन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
इसे सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना सबसे अच्छा होता है।
हां, आयुर्वेद में इसे रोज़ाना लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन मात्रा संतुलित होनी चाहिए।
हां, यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाकर वसा को कम करने में सहायक होता है।
गर्भवती महिलाओं को इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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